Tuesday, January 20, 2009

आज की बात

ऑफिस से गैर हाजिर न रहने के चक्कर में एक शव यात्रा में शामिल न हो पाने का दुःख है

Tuesday, January 13, 2009

सोचा था मंजिल तक तुम ही साथ दौडोगे

पर तुम ख़ुद किसी के कंधे पर बैठ कर आए

Monday, January 5, 2009

तीसरा din

अकेला हूँ तो क्या लडूंगा मैं जरुर
मुझसे नहीं तुम सा खामोश रहा जाता है